Latest: Add Latest Article Here | Recommended: Add Recommended Article Here

The moto of this blog is to spread he light of education and technology. This will also useful for exams, results and general knowledge, current affairs, computer and science.

Subscribe For Free Latest Updates!

We'll not spam mate! We promise.

Tuesday, 4 December 2012




lHkh ,e0 Vh0 ls vuqjks/k gS fd os Ldwy pSfdax u djsa vxj dksbZ ,e0 Vh0 djrk gS rks oks Lo;a ftEesnkj gksxkA
%& eunhi ,oa jgenhu

mt say anurod h ki ab koi bhi mt school observation na kare.agar karta h to vo khud jimayvar hoga. mandeep or rahmdeen
Read More >>




lHkh ,e0 Vh0 viuh izStsUVs”u cf<+;k nsaA ,l0 Mh+ ih0 ds ckjs esa lkjk dqN crk,a] lkjh ckr fMVsy esa crk,a vkSj le; ij Ldwy tk;saA  %& eunhi ,oa jgenhu


sabhi mt presention badiya day. sdp ke bare may sara kuch bataiyen. sari bat detail may bataiyen. Time par school jayen. Mandeep & Rahmdeen
Read More >>

Sunday, 14 October 2012


शोधकर्ताओं का कहना है, इस बात के बहुत कम प्रमाण हैं कि पिटाई से स्टूडेंट के तौर- तरीकों में सुधार होता है। सच तो यह है, माता-पिता द्वारा पीटे जाने वाले बच्चे अन्य बच्चों की तुलना में अधिक
आक्रामक हो
जाते हैं। कुछ अध्ययनों से पता लगा है, शारीरिक दंड के कारण आईक्यू कम हो सकता है। टेक्सास यूनिवर्सिटी की एलिज़ाबेथ गरशॉफ का कहना है, बच्चों से अधिक मार
पीट से उनका बर्ताव प्रभावित होता है। सुश्री एलिज़ाबेथ ने बच्चों को शारीरिक दंड और उसके नतीजों पर काफी काम किया है। अमेरिका में टेक्सास के स्प्रिंग टाउन स्कूल में दो छात्रों की शिक्षकों के हाथों पिटाई की घटनाओं ने स्कूलों में शारीरिक दंड पर गर्म बहस छेड़ दी है। देश के 19 राज्यों में इसकी इजाज़त है

कुछ विशेषज्ञों की राय है कि बच्चों के साथ किसी भी तरह की हिंसा- घर या स्कूल- बेहद नुकसानदेह है। उनका कहना है, डाट-फटकार से भी बच्चों के व्यवहार में सकारात्मक बदलाव नहीं आता है। कई देशों में बच्चों को शारीरिक दंड पर रोक लगा दी गई है। अमेरिकी कांग्रेस स्कूलों में ऐसी पाबंदी लगाने पर विचार कर रही है।
Read More >>

Sunday, 7 October 2012


प्रदेश के सभी निजी व सरकारी स्कूल सीधे शिक्षा बोर्ड से जोड़े जाएंगे। बोर्ड प्रशासन राज्य के सभी स्कूलों की ई-मेल आइडी बनाने जा रहा है, जिन्हें शिक्षा बोर्ड की वेबसाइट से लॉग इन (जोड़) कर दिया जाएगा। इससे स्कूलों के मुख्य अध्यापकों को स्टाफ स्टेटमेंट (शिक्षकों का ब्योरा) व छात्रों के नाम का ब्योरा उपलब्ध करवाने के लिए शिक्षा बोर्ड मुख्यालय के चक्कर नहीं काटने होंगे। इसके साथ ही बोर्ड कर्मचारियों की मेहनत व समय दोनों की बचत होगी। सूत्र बताते हैं कि शिक्षा बोर्ड प्रशासन ने प्रदेश के सभी निजी व सरकारी स्कूलों के नाम से ई-मेल आइडी तैयार करवाने का फैसला किया है। सभी स्कूलों की ई-मेल आइडी तैयार कर पासवर्ड स्कूल प्राचार्य को उपलब्ध करा दिए जाएंगे। इस पासवर्ड को प्राचार्य अपनी इच्छानुसार बदल भी सकेंगे। इस ई-मेल आइडी को शिक्षा बोर्ड की वेबसाइट से लाग इन किया जाएगा। इस पर स्कूल के शिक्षकों व छात्रों का पूरा ब्योरा होगा, जिसे समय समय पर अपडेट भी करते रहना होगा। इन ई-मेल आइडी के जरिये आन लाइन नामांकन, परीक्षा फीस, स्टाफ स्टेटमेंट, छात्रों का पूरा विवरण उपलब्ध होगा। इसके साथ ही पुराने छात्रों के नाम हटाने व नए छात्रों के नाम जोड़ने का कार्य भी आन लाइन ही हो सकेगा। इससे स्कूल व शिक्षा बोर्ड प्रशासन के बीच की दूरियां कम होंगी, वहीं बोर्ड से संबंधित कार्यो को लेकर होने वाली देरी से भी बचा जा सकेगा। बोर्ड के कर्मचारियों से कार्य का भार भी कम होगा। क्योंकि इससे पूरे प्रदेश के छात्रों व शिक्षकों का रिकार्ड अपने आप ही आन लाइन हो जाएगा और पूरा डाटा तैयार होगा।
Read More >>


Copyright © 2016 - ज्ञान और तकनीक - All Rights Reserved
(Articles Cannot Be Reproduced Without Author Permission.)
Design By : | Powered By: Blogger